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1. मोबाइल के एक्टिवेशन के लिए (चालू करने के लिए) सही फोर्मेट में एस.एम.एस. भेजना
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2. मतदाता अपने एक्टिवेट मोबाइल फोन से पंजीकृत एस.एम.एस. कोड भेज सकते हैं
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3. ई-मेल, वाट्स-अप, डाक-पत्र या अपने भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा इस साईट पर वोटर नंबर / मोबाइल पंजीकरण के लिए विनती भेजना
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4. स्वयंसेवक (वालंटियर) द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की जाँच और मोबाइल और
वोटर आई.डी का पंजीकरण (रजिस्ट्री)
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1. मोबाइल के एक्टिवेशन के लिए (चालू करने के लिए) सही फोर्मेट में एस.एम.एस. भेजना -
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2. मतदाता अपने एक्टिवेट मोबाइल फोन से पंजीकृत एस.एम.एस. कोड भेज सकते हैं
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3. ई-मेल, वाट्स-अप, डाक-पत्र या अपने भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा इस साईट पर वोटर नंबर / मोबाइल पंजीकरण के लिए विनती भेजना
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विडियो द्वारा पंजीकरण विनती -
support@brvp.org को ई-मेल या +919693938833 को वाट्स-अप करें जिसमें आपका विधानसभा, मोबाइल नंबर, वोटर नंबर लिखा हो जिसको आप इस साईट पर पंजीकृत करवाना चाहते हैं और पंजीकरण के लिए आपके वीडियो विनती भी हो |
(वीडियो में आपका नाम, मोबाइल नंबर, विधानसभा और पता, जो आपके वैध वोटर आई.डी. में लिखा हुआ हो, इनको बताएं और ये भी बोलें कि आप पार्टी की इस वेबसाईट sms.brvp.org/hindi पर पंजीकृत होना चाहते हैं | और वीडियो में अपना वोटर आई.डी. इस प्रकार दिखाएँ ताकि उसपर लिखावट स्पष्ट रूप से पढ़ी जा सके | ये भी वीडियो में बोलें कि अपने पंजीकृत मोबाइल द्वारा भेजे गए किसी पंजीकृत विषय के लिए भेजे गए कोड-एस.एम.एस राय वेबसाईट sms.brvp.org/hindi को सार्वजानिक आपके वोटर नंबर के साथ दिखाने में आपको किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है |)
या
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एफिडेविट (स्टैम्प-पेपर) द्वारा पंजीकरण विनती -
डाक द्वारा या अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति द्वारा हमारे पार्टी दफ्तर के पते (मुख्य सड़क, नया टोला, बरिअरपुर, बख्तियारपुर, पटना, बिहार - 803212 ) पर 10 या 20 रुपये की मूल प्रति भेजें (जो नोटरी द्वारा एटेस्ट (प्रमाणित) की हुई हो) जिसमें लिखा हो - "मेरा नाम.........पुत्र श्री.........है, मेरा निवास .................. है | मैं अपना वोटर आई.डी. नंबर और मोबाइल sms.brvp.org/hindi पर पंजीकृत करवाना चाहूँगा / चाहूंगी | मुझे किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होगी यदि इस साईट के सर्वर को मेरे द्वारा भेजे गए किसी पंजीकृत विषय के लिए कोड-एस.एम.एस साईट मेरे वोटर नंबर के साथ सार्वजनिक sms.brvp.org/hindi साईट पर दिखाए जायें |" -
4. स्वयंसेवक (वालंटियर) द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की जाँच और मोबाइल और वोटर आई.डी का पंजीकरण (रजिस्ट्री)
कैसे, जानने के लिए नीचे पढ़ें.....
1. विकल्प पार्टी द्वारा किसी मुद्दे के वोटर नंबर समर्थन को इकठ्ठा करना और इन्टरनेट पर दर्शाना
हमने एक अभियान शुरू किया है जिसमें नागरिक-मतदाता सांसद, विधायक, आदि जनसेवकों को एस.एम.एस. आदि द्वारा निर्देश भेजेंगे | हमने इस प्रयोजन से कुछ जनहित के समाधान-ड्राफ्ट के लिए, साईट पर कोड-एस.एम.एस. भी पंजीकृत किये हैं | नागरिक ये एस.एम.एस.-कोड साईट को भेजेंगे और उससे बना डाटा जनसेवक से मांग की समर्थन संख्या का जांचा जा सकने वाला प्रमाण होगा |
साईट पर पंजीकृत मुद्दों पर नागरिकों का समर्थन या विरोध वेबसाईट पर नागरिकों के वोटर आई.डी. नंबर के साथ दिखाया जायेगा | वोटर आई.डी. नंबर के डाटा से कोई भी नागरिक वोटर आई.डी नंबर का एक सैम्पल लेकर, उनका एड्रेस निकाल कर, उन व्यक्तियों को स्वयं संपर्क करके पता लगा सकता है कि राय वाला डाटा सही है या गलत | मतलब ये वोटर आई.डी. इन्टरनेट डाटा जो नागरिकों के एस.एम.एस भेजने से बनेगा, वो नागरिक-प्रमाणिक होगा | (रजिस्टर किये हुए एस.एम.एस-कोड के लिए ये लिंक देखिये - sms.brvp.org/hindi/showissue.php)
2. कैसे विकल्प पार्टी राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री आदि प्रस्तावित भारतीय राजपत्र सूचना को लागू करवाएगी और आप (आम-नागरिक) क्या कर सकते हैं जब तक वो लागू नहीं हो जाता ?
जब तक पार्टी द्वारा प्रस्तावित राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री आदि कानून भारतीय राजपत्र में छाप कर लागू नहीं हो जाते, इस वेबसाईट पर पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर का रिकॉल सिस्टम लागू किया गया है जिसमें आम-नागरिकों को 5 साल अपने जनसेवक को बदलने के लिए इन्तेजार नहीं करना होगा |
नागरिक एफिडेविट (स्टैम्प-पेपर) पर ड्राफ्ट के रूप में अपने सुझाव, राय और प्रमाण, अपने वोटर नंबर और संपर्क के साथ दर्शा सकते हैं | इसके लिए, नागरिकों को सबसे पहले हमारी साईट पर अपने वोटर नंबर / मोबाइल के साथ रजिस्टर होने के लिए आवेदन देना होगा | और दूसरे नागरिक उस दर्ज मुद्दे पर समर्थन या विरोध कर सकते हैं और नागरिक बहुमत समर्थन संख्या के इन्टरनेट पर प्रमाण द्वारा जनसेवक को बदलने के लिए दबाव डाल सकते हैं |
कोई भी मतदाता इस वेबसाईट पर रजिस्टर होकर, इस पेज पर बताए गए प्रक्रिया अनुसार, एफिडेविट पर अपनी शिकायत / सुझाव को वेबसाईट पर दर्ज करवा सकता है | यदि 5000 पंजीकृत मतदाता हमारी वेबसाईट पर किसी मुद्दे के लिए समर्थन करेंगे तो विकल्प पार्टी उस मुद्दे को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आदि जनसेवक के साथ उठाएगी | यदि कोई जनसेवक इसको लागू करने के लिए कार्य नहीं करना चाहता, तो उसे ऐसा करने के लिए कारण बताना होगा |
हस्ताक्षर द्वारा समर्थन की तुलना में, वोटर आई.डी. नंबर इन्टरनेट समर्थन प्रामाणिक है | क्योंकि नागरिक हस्ताक्षर को स्वयं जांच नहीं सकते और न ही हस्ताक्षर देने वाले को संपर्क करके और जानकारी ले सकते हैं जबकि वोटर आई.डी. नंबर से पता निकालकर नागरिक स्वयं संपर्क करके जांच सकता है |
ये सारा डाटा एक्सेल फोर्मैट में वेबसाईट पर आता है और कोई भी डाउनलोड कर सकता है | इसीलिए यदि किसी कारण हमारी साईट बंद हो जाये, तो भी उसके आगे लोग वोटर नंबर समर्थन इकठ्ठा कर सकते हैं | हम सभी को बोलते हैं कि अपने प्रिय मुद्दे पर, अपने क्षेत्र के वोटर नंबर समर्थन को इकठ्ठा करके एक्सेल शीट पर डालें और सोशियल मीडिया पर सभी के साथ शेयर करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहें | और किसी मुद्दे के लिए, सभी वोटर नंबर समर्थन वाली एक्सेल शीट के डाटा के डुप्लिकेट हटा कर डाटा को इकठ्ठा किया जा सकता है |
यदि किसी क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में लोगों ने इन प्रस्तावित प्रक्रियाओं का वोटर आई.डी. नंबर प्रमाण के साथ इन्टरनेट पर सार्वजानिक समर्थन दिखाया और अपने जनसेवक से मांग किया तो उस क्षेत्र में ये प्रक्रियाएँ आ जाएँगी और उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध कम हो जायेगा |
उदाहरण - सूचना आधिकार अधिनियम सबसे पहले राजस्थान में आया था जब हजारों ने मांग की थी और फिर पूरे देश में माँगा गया और पूरे देश में लागू हो गया |
3. आजकल नागरिकों के द्वारा अपने प्रतिनिधियों के साथ संवाद करने के लिए जो तरीके आमतौर इस्तेमाल किये जाते हैं वो नागरिक-प्रमाणिक (नागरिक द्वारा जांचे जा सकने वाले) नही होते हैं और इसलिए परिणाम परिणाम नहीं दे पाते
इसलिए, यदि आप सांसद, विधायक, पार्षद या अपने क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, तो आपको और अन्य सभी नागरिकों को कैसे पता चलेगा कि क्षेत्र के नागरिक क्या चाहते हैं कि आप क्या करें? आपको और अन्य नागरिकों को कैसे पता चलेगा कि नागरिक कौन से कानून और व्यवस्थाएं चाहते हैं? आखिरकार, आपका समय सीमित है.
आइए हम आज कुछ तरीके देखते हैं जो कि आजकल नागरिकों और उनके प्रतिनिधियों के बीच संपर्क के लिए इस्तेमाल किये जा रहे हैं.
कई पार्टियां और उम्मीदवार दावा करते हैं कि जीतने के बाद, वे समाज की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए कार्य करेंगे. और वे एक शिकायत ईमेल आईडी, शिकायत फोन, एसएमएस नंबर या पता भी देते हैं.
लेकिन सच्चाई यह है कि `आपका सांसद आपकी बात को सुन नहीं सकता है, आपका सांसद केवल आपकी गिनती कर सकता है.`
हां, आप इसे सही पढ़ते हैं - `आपका सांसद आपकी बात को सुन नहीं सकता है, आपका सांसद केवल आपकी गिनती कर सकता है`. यहां सांसद का मतलब है आपके सांसद, विधायक, पार्षद सरकारी कर्मचारी आदि. आइए देखें कि यह कथन कितना सच है.
मान लीजिये कि हर एक मतदाता चाहता है सांसद उसे 5 मिनट के लिए सुने, अब सांसद के पास 17 लाख मतदाता है और अगर 25% भी 5 मिनट के लिए बोलेंगे तो ये 17लाख*25/100*5 मिनट्स = लगभग 21 लाख मिनट्स होते हैं और अगर सांसद दिन के 10 घंटे भी सुनना शुरू करता है तो उसे 8 से 9 साल लग जायेंगे !!! दूसरे शब्दों में, एक सांसद के लिए हर एक को सुनना या हर एक पत्र पढ़ना या एस.एम.एस. पढ़ना भौतिक रूप से असंभव है और ये प्रधानमंत्री के लिए भी असंभव है ! एक कॉर्पोरटर (पार्षद) जिसके पास एक लाख मतदाता है वो भी सभी मतदाताओं जो उसके अंतर्गत आते है, को नहीं सुन सकता.
उच्च वर्ग के लोग अपने संपर्क द्वारा अपनी कोई बात जनता के सामने रखना चाहे तो वे ऐसा मिडिया के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं, किन्तु यदि जनता अपनी कोई मांग या सुझाव शासन के सम्मुख रखना चाहे तो उन्हें अनशन, धरने, विरोध प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन, रास्ता जाम, नारेबाजी आदि असंगठित तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. किन्तु इन सब तरीकों से कोई 'नागरिक प्रमाणिक' प्रमाण पैदा नहीं होता, मतलब कोई भी नागरिक स्वयं जांच सके, ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाता कि कितने नागरिक अमुक विषय के समर्थन या विरोध में हैं. नागरिक-प्रामाणिक नहीं होने से इन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता नहीं होती और नागरिक या अफसर कोई स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं आ पाते. इस प्रकार, ईमानदार अफसर नागरिक-मतदाताओं के अनुसार अपना कार्य नहीं कर पाते और बे-ईमान अफसर आसानी से ये कहकर फिसल जाते हैं कि `समर्थन हस्ताक्षर आदि प्रामाणिक नहीं हैं` या `हम इस मुद्दे को देखेंगे. अभी हम और बहुत जरुरी काम कर रहे हैं.`
pgportal.gov.in जैसी सरकारी साईट में नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ शिकायत दर्शाने का विकल्प भी नहीं है, जिससे दूसरे नागरिक ये पता नहीं लगा सकते कि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति असली हैं कि नकली. लेकिन टी.सी.पी. में नागरिक की राय पहचान पत्र संख्या के साथ प्रधानमंत्री वेबसाईट पर आएगी ; कोई भी नागरिक वोटर आई.डी. राय वाले डाटा का सैम्पल लेकर, राय देने वाले व्यक्तियों का पता निकालकर उनसे संपर्क करके स्वयं पता लगा सकता हैं कि डाटा सही है कि नहीं.
सरकारों द्वारा प्रदान की गयी कुछ अन्य शिकायत प्रणालियों में, आप बिना लॉग इन किए अपनी खुद की शिकायत को भी नहीं देख सकते हैं. इस प्रकार, यदि सरकारी अधिकारी कोई उचित कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप अन्य नागरिकों को एक प्रमाणित तरीके से शिकायत और तथ्यों को दिखा भी नहीं सकते हैं जो कि आपने दर्ज की हैं.
ईमेल, हस्ताक्षर अभियान, ऑनलाइन याचिका आदि जैसे तरीके, नागरिक-प्रामाणिक नहीं हैं और उनका इस्तेमाल करके, नागरिक अपनी आवाज को प्रतिनिधियों तक ठीक से पहुंचा नहीं पाते.
यदि ईमेल पहुँचता नहीं है, तो हम उसका कारण नहीं जान सकते हैं और हम यह भी नहीं जान सकते हैं कि जिस व्यक्ति को हमने ईमेल भेजा है उसने ईमेल पढ़ लिया है या नहीं.
कृपया ध्यान दें कि सांसद को ईमेल द्वारा भेजे गए निर्देश बेकार होते हैं क्योंकि ईमेल आई.डी को मतदाता संख्या से जोड़ा नहीं जा सकता, फर्जी ईमेल आई.डी बनायी जा सकती है, नकली ईमेल को असली जैसे दिखने वाली ईमेल बनाई जा सकती है आदि.
4. प्रस्तावित `नागरिकों का जांचा जा सकने वाला मीडिया` (CVM)
इस वेबसाईट का ये भी उदेश्य है कि एक सरकारी सिस्टम को दिखाना और मांग करना, जिसमें नागरिक अपना वोटर आई.डी. और मोबाइल नंबर से पंजीकृत (रजिस्टर) हो कर अपनी राय एस.एम.एस-संक्षिप्त कोड द्वारा कर सकते हैं | और नागरिकों की ये राय उनके वोटर आई.डी. के साथ सरकारी वेबसाइट पर बिना लॉग-इन के, सभी को दिखेगी और ये राय किसी भी अन्य नागरिक द्वारा जाँची जा सकती है वोटर आई.डी. द्वारा
इस सिस्टम की एक बड़ी बात है नागरिकों के लिए सुरक्षा-धारा कि उनके पास अधिकार है कि वे किसी भी दिन अपनी राय बदल सकते हैं, जिससे ये सिस्टम पैसों से खरीदा नहीं जा सकता, गुंडों और मीडिया द्वारा प्रभावित नहीं किया जा सकता | इस सिस्टम को `नागरिकों का जांचा जा सकने वाला मीडिया` या पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली या टी.सी.पी. (ट्रांसपेरेंट कंप्लेंट प्रोसीजर) भी बोला जाता है |
आज हम लोग विभिन्न दलों, धर्मों, जातियों, वर्गों, मुद्दों आदि में बँटे हुए हैं | आओ हम सब अपने दलों आदि को छोड़े बिना सांसदों/विधायकों आदि जनसेवकों के लिए छेड़े गए इस एस.एम.एस. अभियान में एकजुट हो जाएँ | आओ हम सब अकेले ही या समूहों में मिलकर कुछ ऐसा करें जिससे आम लोगों को लाभ मिले साथ ही सभी नागरिक उन बुराइयों और भ्रष्ट ताकतों के विरुद्ध एकजुट हो सकें जो आम लोगों को लूटना चाहते हैं |
5. सभी नागरिकों को अपने प्रिय नेता या जनसेवक से पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर की मांग करनी चाहिए क्योंकि ये सभी मुद्दों का बढ़ावा करता है
अपनी माँगों के लिए एस.एम.एस.-निर्देश भेजने के अलावा अपने सांसद या जनसेवक या आपके क्षेत्र के उम्मीदवार को यह एस.एम.एस.-निर्देश भी भेजें कि अपने पब्लिक मोबाइल नंबर को प्रोग्राम द्वारा अपनी वेबसाईट से लिंक करके एक जनता की राय के लिए एस.एम.एस. सर्वर बनाएँ | ताकि एस.एम.एस. के द्वारा सांसद को भेजी गई नागरिकों की राय, जनसेवक की वेबसाइट पर वोटर आई.डी. के साथ आये और सभी जनता की राय को देख सकें और उसे स्वयं जांच सकें |
एस.एम.एस.-निर्देश में ये भी बोलें कि ऐसे सर्वर को बनाने के लिए केवल कुछ ही दिन लगेंगे और यदि जनसेवक ने जनता के लिए ऐसा SMS-सर्वर नहीं बनाया, तो फिर आप उनके लिए या उनके पार्टी के लिए वोट नहीं करेंगे |
यह सार्वजनिक माँग करके हम सभी नागरिक एक साझा मंच पर आ सकते हैं तथा एक जुट हो सकते हैं | इसके लिए, नागरिकों को केवल दो एस.एम.एस. भेजने हैं | कृपया आगे पढ़िए ये जानने के लिए कि कैसे एस.एम.एस. भेजना है और कहाँ एस.एम्.एस. भेजना है |
इस साईट को, सांसद के लिए एस.एम.एस-आदेश कोड भेजने के लिए 4 स्टेप (कदम) -
इस साईट को कोई पंजीकृत विषय के लिए एस.एम.एस. भेजने के लिए, जो हमारे लिंक पर आएगी - sms.brvp.org/hindi/showcodes.php , किसी मतदाता को पहले हमारे साथ अपना पहचान पत्र और मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा, अपने मोबाइल से 09693938833 पर वोटर आई.डी. (पहचान पत्र संख्या) वाला एक्टिवेशन-एस.एम.एस भेज कर |
कृपया +919693938833 पर इस फोर्मैट में एक्टिवेशन-एस.एम.एस. भेजें -
*आपका-वोटर-आई.डी.-नंबर*
(यदि इसे शब्दों में कहा जाये, तो एक्टिवेशन-एस.एम.एस. का फोर्मैट होना चाहिए कि पहले आप * टाइप
करें और उसके तुरंत बाद आप अपना वोटर आई.डी. नंबर डालें और उसके तुरंत बाद * टाइप करें |
और 09693938833 को इस फॉर्मेट में एस.एम.एस. भेज दें |
नोट- * का मतलब विशेष चिन्ह `स्टार` या `तारा` है )
नोट - आपका वोटर आई.डी वोटर सूची में होना चाहिए |
ये जानने के लिए कि आपका वोटर आई.डी वोटर सूची में है कि नहीं, आप
electoralsearch.in में देख सकते हैं या
राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेश अनुसार लिंक की एक सूची देख सकते हैं -
sms.brvp.org/hindi/find-assembly-name.php
उदाहरण -
*arp1234567*
जहाँ arp1234567 वोटर आई.डी. संख्या है (असली नहीं है - केवल एक उदहारण है )|
पिछले स्टेप में बताये गए फोर्मैट में जिस मोबाइल से मतदाता ने एस.एम.एस भेजा था, उस मोबाइल से मतदाता साईट पर किसी पंजिकित मुद्दे को समर्थन या विरोध करने के लिए भी +919693938833 को कोड-एस.एम.एस भेज सकते हैं | एक एस.एम.एस में केवल एक पंजीकृत कोड होगा |
मतदाता अपने भेजे हुए रजिस्टर एस.एम.एस. की स्थिति, अपना मोबाइल नंबर डाल कर, इस लिंक से पता लगा सकता है - sms.brvp.org/hindi/checkdetails.php
मतदाता अपने सांसद को भी एक दो लाइन का एस.एम.एस. भेज सकता है जिसमें मतदाता अपना नाम, पहचान पत्र संख्या या लोकसभा चुनाव क्षेत्र बताएगा और सांसद से मांग करेगा कि सांसद अपनी वेबसाइट को अपने पब्लिक मोबाइल के साथ जोड़े ताकि सांसद के पब्लिक मोबाइल पर जनता के आना वाले मेसेज अपने आप वेबसाइट पर नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ प्रकाशित हो जायें और सभी नागरिक जनता की राय को पारदर्शी और प्रामाणिक रूप से देख सकें |
नागरिक दूसरे नागरिकों और अपने प्रिय नेताओं को भी अपने सांसद को भेजे गए एस.एम.एस-आदेश की सूचना दे सकते हैं अपने फेसबुक वाल नोट, इन्टरनेट, पर्चों, मीटिंग द्वारा ताकि दूसरे नागरिक/उनके प्रिय नेता भी ऐसा करने के लिए प्रेरित हों |
मोबाइल-एक्टिवेशन एस.एम.एस भेजने के बाद, नागरिकों को इस साईट sms.brvp.org/hindi पर उनके वोटर नंबर और मोबाइल के पंजीकरण के लिए विनती भेजनी चाहिए नीचे बताये गए तरीकों में से एक द्वारा
हमारे स्वयंसेवक मतदाता की जानकारी जांच कर मतदाता के पहचान पत्र और मोबाइल को रजिस्टर करेंगे | मतदाता अपने भेजे हुए रजिस्टर एस.एम.एस. की स्थिति, अपना मोबाइल नंबर डाल कर, इस लिंक से पता लगा सकता है - sms.brvp.org/hindi/checkdetails.php
एक बार मोबाइल और वोटर आई.डी. का पंजीकरण हो जाता है, तो भेजे गए कोड एस.एम.एस.-राय पंजीकृत पेज पर आ जायेंगे - sms.brvp.org/hindi/showcodes.php
देश केन्द्रीय, राज्य राजपत्र (सरकारी मैगज़ीन) में क्या नोटिस छपा है, उसके अनुसार चलता है | नेताओं के भाषणों और नारों से देश की व्यवस्था नहीं चलती | भारतीय राजपत्र में विस्तृत जानकारी होती है कि किस अफसर को क्या कार्य करना है |
उदाहरण – 8 नवंबर 2016 को 500, 1000 रुपये के पुराने नोट बंद हुए तो केवल प्रधानमंत्री ने बोला तो नोट बंद हुए, ऐसा नहीं है | पुराने नोट बंद इसीलिए हुए क्योंकि प्रधानमंत्री ने भारतीय राजपत्र में ये आदेश छपवाया था |
राजपत्र में जो लिखा जाता है, तो वो लागू हो जाता है | अब आपको उसको बदलना है, तो फिर नया मैटर उसमें डालना होगा. इसलिए राजपत्र मुख्य चीज है |
तो नागरिकों को, कार्यकर्ताओं को, पार्टियों को पहली चीज ये बतानी चाहिए कि राजपत्र में क्या होता है और क्या नहीं होना चाहिए. कार्यकर्ताओं, नागरिकों को अपने प्रिय नेताओं और चुनावी उम्मीदवारों को कहना चाहिए कि चुनाव पूर्व अपने वेबसाईट, ट्विट्टर आदि द्वारा वे ड्राफ्ट मांग करें जो वे राजपत्र में छपवाना चाहते हैं
आप सबसे अच्छे विकल्प को वोट या समर्थन करें लेकिन आपके, आपके परिवार - देश की भलाई के लिए अच्छे प्रक्रिया-ड्राफ्ट का बढ़ावा करें
सांसद हम मतदाताओं को गिन सकता है - सुन नहीं सकता --- समाधान = सांसद से एस.एम .एस. / ट्विटर द्वारा पब्लिक एस.एम .एस. सर्वर की मांग
हम आम लोगों को सिर्फ गिना जा सकता है ना कि सुना अर्थात सांसद 100 मुद्दों पे हमारी गिनती कर सकता है पर हम लोगों में से 1% को भी सुन नहीं सकता! हम इसे समझाते हैं |
मान लीजिये कि हर एक मतदाता चाहता है सांसद उसे 5 मिनट के लिए सुने, अब सांसद के पास 17 लाख मतदाता हैं और अगर 25% भी 5 मिनट के लिए बोलेंगे तो ये 17 लाख*25/100*5 मिनट्स = लगभग 21 लाख मिनट्स होते हैं और अगर सांसद दिन के 10 घंटे भी सुनना शुरू करता है तो उसे 8 से 9 साल लग जायेंगे !!! दूसरे शब्दों में, एक सांसद के लिए हर एक को सुनना या हर एक पत्र पढ़ना या एस.एम.एस. पढ़ना भौतिक रूप से असंभव है और ये प्रधानमंत्री के लिए भी असंभव है ! एक कॉर्पोरटर (पार्षद) जिसके पास एक लाख मतदाता हैं और एक विधायक जिसके पास 3 लाख मतदाता हैं, वे भी सभी मतदाताओं जो उनके अंतर्गत आते है, को नहीं सुन सकते |
दूसरे शब्दों में, सांसद हम मतदाताओं को गिन सकता है पर एक सांसद हमें सुन नहीं सकता |
लेकिन एक कंप्यूटर भेजे गए लाखों-करोड़ों एस.एम.एस, जिनमें प्रस्तावित भारतीय राजपत्र सूचना हैं, उन एस.एम.एस को स्कैन (पढ़) कर सांसद आदि जनसेवक को बता सकता है कि कितने मतदाता कानून-प्रक्रिया ड्राफ्ट-A की मांग कर रहे हैं और कितने मतदाता ड्राफ्ट-B की मांग कर रहे हैं | और कंप्यूटर जनता के लिए वोटर नंबर समर्थन की अधिक जानकारी भी सार्वजानिक दिखा सकता है ताकि कोई भी इस डाटा को जांच कर सके कि ये डाटा सही है कि नहीं |
तो, समाधान है कि अपने जनसेवक या अपने प्रिय नेता से मांग करें कि वे अपने वेबसाईट पर उस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए इस प्रकार का पब्लिक एस.एम.एस. गिनती सर्वर बनाये |
दूसरे प्रचार-तरीके जैसे अनशन-धरना, नारेबाजी, ऑन-लाइन याचिका, पत्र और ई-मेल भेजना आदि अपर्याप्त हैं क्योंकि इन सब तरीकों से कोई 'नागरिक प्रमाणिक' प्रमाण पैदा नहीं होता, मतलब कोई भी नागरिक स्वयं संपर्क करके जांच सके, ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाता कि कितने नागरिक किसी विषय के समर्थन या विरोध में हैं ।
नागरिक-प्रामाणिक नहीं होने से नागरिकों और अफसरों में इन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता नहीं होती | बिना किसी ऐसे सार्वजानिक प्रमाण के जो सभी जांच सकें, अफसर पर कोई दबाव नहीं आता और अफसर आवश्यक कार्य न करने के लिए कोई बहाना देकर आसानी से फिसल सकता है | केवल हमारे सासदों, विधायकों, आदि जनसेवकों के पास अधिकार है कि किसी को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बना सकते हैं या भारतीय राजपत्र में समाधान-ड्राफ्ट को राजपत्र में छपवा सकते हैं |
यदि आप वास्तव में अपने प्रिय नेता या पार्टी का समर्थन करना चाहते हैं या कोई समाधान-ड्राफ्ट को लागू करवाना चाहते हैं, तो आपको अपने सांसद, विधायक आदि, जनसेवकों को जरुरी मेसेज-आदेश भी देने चाहिए (अपने प्रिय विरोध/समर्थन के तरीकों के साथ) कि आपके प्रिय नेता को देश का प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए तुरंत प्रस्ताव शुरू करवाएं संसद या विधानसभा में या आपके प्रिय पार्टी का बढ़ावा करें | और ये भी मांग करें कि जनसेवक अपने पब्लिक मोबाइल को अपने वेबसाइट के साथ जोड़े ताकि जनता द्वारा भेजे मेसेज अपने आप वेबसाइट पर प्रकाशित हों और सभी को दिखें |
और नागरिकों को भेजे गए मेसेज-आदेश का प्रमाण अधिक से अधिक जनता को फेसबुक वाल-नोट, ब्लॉग, पर्चे, गूगल डॉक, `ईमानदार सिस्टम-डेमो` साईट, बैठक आदि द्वारा देना चाहिए ताकि जनता को प्रमाण मिले और दूसरों को भी ऐसा करने की प्रेरणा मिले |
`जनसेवक को मेसेज-आदेश` भेजने के लिए और भेजे गए मेसेज-आदेश जनता को दिखाने के लिए, आपके समय के केवल 5-10 मिनट ही लगेंगे | एक लोकसभा चुनाव क्षेत्र में ऐसा यदि कुछ हजार लोग भी करते हैं और वर्तमान जनसेवक कोई जवाब नहीं देता, तो वर्तमान जनसेवक की प्रमाण सहित पोल खुल जायेगी और भावी जनसेवक को भी मजबूर होना पड़ेगा जनता की ये प्रामाणिक मांग को पूरा करने के लिए |
सांसदों / विधायकों के 80% मोबाइल नंबर लोकसभा / विधानसभा वेबसाइट या चुनाव आयोग की वेबसाईट पर उपलब्ध हैं |
यदि आपके सांसद का मोबाइल नंबर इस लिंक में नहीं दिया है, तो कृपया उसी पार्टी के नजदीकी दूसरे सांसद को एस.एम.एस भेजें और विनती करें कि ये एस.एम.एस-आदेश आपके सांसद तक पहुंचा दे |
Sha1 फाइल हैश और ‘जनसेवक को कानून-ड्राफ्ट की लिंक और Sha1 फाइल हैश वाला एस.एम.एस./ट्विट्टर आदेश (निवेदन)’ अभियान तरीका के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया ये लिंक देखें - tinyurl.com/FileHashCampaignH
कोई भी नागरिक, नागरिकों की राय के डाटा में से अपनी मर्जी का सैम्पल चुन सकता है, सम्बंधित राज्य की मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट पर जा कर वोटर आई.डी. डाल कर मतदाता की उचित जानकारी प्राप्त कर सकता है जैसे मतदाता का पता आदि और समपर्क करके ये जांच कर सकता है कि उस व्यक्ति ने असल में वो राय दी थी के नहीं
तो इस डाटा का असली मूल्य इसमें है कि ये किसी भी नागरिक द्वारा जांचा जा सकता है कि ये सत्य है कि नहीं क्यूंकि इसमें जनता की राय को उनके वोटर आई.डी. के साथ जोड़ा गया है |
फिर भी, हमने अपंजीकृत लोगों के लिए पेज और लिंक बनाया है, अच्छा और प्रामाणिक राय लेना वाला सिस्टम कैसा होना चाहिए ये दर्शाने के लिए |
यदि आपके पास वोटर आई.डी. नहीं है और आप केवल इस साईट की कार्यप्रणाली देखना चाहते हैं, तो abc1234567 जैसे कोई दस से सोलह अंक का कोई भी जांच हेतु नंबर और 09693938833 को टैस्ट एक्टिवेशन-एस.एम.एस. भेज सकते हैं सही फोर्मैट में | उदहारण - *abc1234567*
फिर, अपना कोड-एस.एम.एस. भेजें उन विषयों के लिए जो यहाँ पंजीकृत किये गए हैं - sms.brvp.org/hindi/showissue.php
अपंजीकृत व्यक्ति कैसे साईट का प्रयोग कर सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी यहाँ दी गयी है - sms.brvp.org/hindi/unregister-sms-opinion.php